क्या इतने साल शादी के बाद भी कोई बच्चा नहीं है? अरे, ये तो बाँझ है।।!! ऐसी बहू लाकर तो इनके भाग्य ही फूट गए।।!! जब लोग हैरत भरे अंदाज़ में इस तरह के ताने मारते हैं तो उसका दर्द सिर्फ़ वही औरत समझ सकती है जो इनफर्टिलिटी कि समस्या से जूझ रही हो। पर क्या आपने कभी सोचा है कि इनफर्टिलिटी मे औरत नहीं है दोषी | बाँझपन के लिए सिर्फ़ एक औरत नहीं है दोषी बल्कि एक मर्द भी उतना ही ज़िम्मेदार होता है। लेकिन यह हमारे समाज की बीमार मानसिकता है जो हर ग़लत चीज़ के लिए औरतों को दोषी मानता है। और कमाल की बात तो यह है कि सामाजिक दबाव और दकियानुसी रंग इस कदर हर किसी पर चढ़ चुका है कि कोई भी शादीशुदा दम्पति अपनी इनफर्टिलिटी के बारे में बात करने से भी कतराता है। बड़ी आसानी से यह मान लिया जाता है कि यह एक लाइलाज बीमारी है और अब उन्हें इस दर्द के साथ ही जीना होगा। लेकिन ज़रा रुकिए, आप बीमार नहीं है और ना ही यह एक ऐसी बीमारी है जिसका उपचार संभव नहीं है।
औरत नहीं है दोषी
इनफर्टिलिटी का शिकार औरत खुद को बीमार समझने लगती है और मान लेती है कि अब उसे कभी माँ बनने का सुख नहीं मिल पायेगा। इसके कारण ना सिर्फ़ उसके पति के साथ उसके रिश्ते बिगड़ने लगते हैं बल्कि वह हीन भावना का शिकार हो तनावग्रस्त भी होने लगती है। इनफर्टिलिटी या बाँझपन की समस्या शारीरिक नहीं बल्कि भावनात्मक और मानसिक रूप से एक औरत को कमज़ोर बना देती है। क्या इनफर्टिलिटी के लिए एक औरत की कमी है? जी बिलकुल नहीं, इनफर्टिलिटी के लिए मर्द और औरत दोनों ज़िम्मेदार होते हैं।
क्या हो सकती है इनफर्टिलिटी की वजह ?
औरतों में इनफर्टिलिटी का मुख्य कारण ओव्यलैशन में होने वाली परेशानी होती है। ओव्यलैशन में होने वाली परेशानी ज़्यादातर PCOS (Polycystic Ovarian Syndrome) के कारण होती है। PCOS एक हार्मोनल असंतुलन है जिस वजह से गर्भ धारण में बाधा आती है। औरतों में अनियमित माहवारी या माहवारी का न होना, मोटापा और उनकी बढती उम्र भी प्रजनन प्रक्रिया में मुश्किलें पैदा करती हैं।
पुरुषों में इनफर्टिलिटी भी आम बात है लेकिन अब जाकर लोगों को इसका पता चला है। अगर पुरुष में स्पर्म काउंट कि मात्रा 2 मिली से कम है तो यह प्रजनन क्षमता को कम करता है। पुरुष के रहन-सहन कि शैली भी उसमे नपुसंकता को जन्म दे सकती है जैसे धुम्रपान करना और तनावग्रस्त रहना। पुरुषों में स्पर्म इन्फेक्शन या स्पर्म का न बनना या बाहर न आना भी इनफर्टिलिटी कि वजह हो सकती है। टेस्टीकल्स में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर या कभी कोई चोट लगने पर भी स्पर्म बनने में कमी आ सकती है
कैसे करें इनफर्टिलिटी का इलाज
अब बात करते हैं इसकी इलाज कि जो बहुत ही आसान है और जिससे इस समस्या का सामना कर रहे दम्पति भी औरों कि तरह माँ बाप बनने कि ख़ुशी पा सकेंगे। बस ज़रूरत है एक अच्छे डॉक्टर की सलाह लेने की, क्योंकि एक डॉक्टर ही बता पायेगा कि इनफर्टिलिटी की असली वजह क्या है और कैसे इसका इलाज किया जा सकेगा। डॉक्टर पहले पुरुष और औरत दोनों का टेस्ट करते हैं और फिर उनकी उम्र और पिछला इतिहास और सही कारण जान इसका ट्रीटमेंट करते हैं। इनफर्टिलिटी का इलाज कई तरीकों से किया जा सकता है जैसे: दवाइयों से, सर्जरी से या फिर असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) जैसे इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF), (IVF) इन विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक से इलाज तब किया जाता है जब किसी औरत की गर्भाशय ट्यूब ब्लॉक हो या मर्द का स्पर्म काउंट बहुत कम हो।
अब तक तो आपको समझ आ ही गया होगा कि इनफर्टिलिटी मे औरत नहीं है दोषी | बाँझपन कोई बीमारी नहीं है। तो सोचिये नहीं और निकल पड़िये किसी अच्छे डॉक्टर की क्लिनिक की तरफ़ और पा लीजिये एक बच्चे को दुनिया में लाने सबसे बड़ी ख़ुशी।
लेखिका
मीनाक्षी वशिष्ठ
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